अस्पताल को मिलेंगे इतने पैसे
भामाशाह कार्डधारकों को यह सुविधा निशुल्क उपलब्ध होगी। खास बात यह है कि जिस कंपनी को यह जिम्मा सौंपा जा रहा है, वह जेएलएन के स्टाफ को तकनीकी प्रशिक्षण भी देगी। अस्पताल प्रबंधन को प्रत्येक डायलिसिस पर 50 रुपए भी मिलेंगे, जो अस्पताल के संसाधनों पर खर्च किए जाएंगे। जिला कलेक्टर गौरव गोयल मुख्यमंत्री के पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस कंपनी से झालावाड़ में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करवा चुके हैं।
डायलिसिस की सुविधा नहीं के बराबर
मुख्यमंत्री ऐसा ही सफल प्रयोग अब अजमेर में करवाना चाहती हैं। जानकारी के मुताबिक जिला कलेक्टर गौरव गोयल को पिछले दिनों इस बात की जानकारी मिली कि जेएलएन में डायलिसिस की सुविधा नहीं के बराबर है। मरीजों को आसपास के निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है। हालांकि जेएलएन में नेफ्रोलॉजिस्ट भी नहीं हैं। गौरव गोयल जब स्किल डेवलपमेंट का काम देख रहे थे, तब उन्होंने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से डायलिसिस प्रोजेक्ट के बारे में चर्चा कर उन्हें प्रजेंटेशन बताया।
अस्पतालों को होगी आय
मुख्यमंत्री इस बात से खुश थी कि इसमें सरकार को कोई पैसा नहीं लग रहा, बल्कि अस्पतालों को आय भी होगी और टैक्नीशियनों को डायलिसिस जैसी सुपर स्पेशियलिटी की निशुल्क ट्रेनिंग भी मिल जानेे से युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिल सकेंगे। तकनीकी जानकारी मिल जाएगी, लेकिन उन्होंने इसे चुनौतीपूर्ण माना आैर गौरव गोयल को सबसे पहले झालावाड़ में इसका सफल प्रयोग करने को कहा। झालावाड़ के सरकारी अस्पताल में गौरव गोयल के नेतृत्व में ही जापानी कंपनी ने सेवाएं शुरू की और सफल रही। पिछले दिनों गौरव गोयल ने जेएलएन में भी डायलिसिस की सुविधा को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा की तो उन्होंने इसके लिए तुरंत हरी झंडी दे दी।
कलेक्टर का अजमेर को चौथा बड़ा तोहफा
जिला कलेक्टर गौरव गोयल को जेएलएन में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करवाना अजमेर को चौथा बड़ा तोहफा है। इससे पहले महिलाओं के लिए सेनेटरी नैपकिन, बच्चों के लिए टॉय बैंक व कपड़ा बैंक की योजनाएं प्रारंभ करवा चुके हैं। इनमें से नैपकीन व टॉय बैंक का अभियान राज्य सरकार पूरे प्रदेश में लागू कर चुकी हैं।
शुरू हो गई कार्रवाई
जेएलएन अस्पताल के अधीक्षक पीसी वर्मा ने कहा है कि जिला कलेक्टर गौरव गोयल के निर्देश पर जेएलएन अस्पताल में झालावाड़ के मोड पर डायलिसिस सुविधा के लिए कार्रवाई प्रारंभ हो गई है। कंपनी द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और अस्पताल को आय भी मिल सकेगी।
सीएम से मिल गई अनुमति
जिला कलेक्टर गोरव गोयल ने कहा है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से अनुमति मिल गई है। जेएलएन अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दे दिए गए हैं। जापानी कंपनी यह काम करेगी। अगस्त में काम शुरू हो जाएगा और अक्टूबर से सुविधा मिल जाएगी। अस्पताल प्रबंधन पर कोई भार नहीं पड़ेगा, बल्कि उन्हें आय होगी और प्रशिक्षण से युवाओं को भी रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। अकेले अजमेर जिले मेंं 50 हजार से ज्यादा गुर्दा रोगी हैं, इन्हें निश्चित रुपए से इसका लाभ मिलेगा।